Creating beautiful sanskars! | Sakar Murli Churnings 24-09-2019

Creating beautiful sanskars! | Sakar Murli Churnings 24-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर ब्रह्मा-तन द्बारा… हमारा सच्चा सतगुरु शिवबाबा, हम धरती के लक्की सितारों को जन्मसिद्ध-अधिकार के रूप में, सच्चा बनाकर सचखण्ड का मालिक बनाते (जीवनमुक्ति-सद्गति, स्वर्ग-हेवन, भक्ति का फल)… पहले जाएंगे घर (निराकारी-दुनिया, शान्तिधाम… लिब्रेशन, मुक्ति)

2. मुख्य बात, हमें ज्ञान-गुण-पवित्रता के संस्कार ले जाने है, इसलिए योगबल से पुराने संस्कारों को परिवर्तन करना है… यह मिलन-मेला है, जिसमें बाबा से पक्का हथियाला बाँधना है

चिन्तन

जबकि हमें संकल्प-संस्कारों का सम्पूर्ण ज्ञान मिल गया है… तो सदा ज्ञान-योग के पक्के फाउंडेशन द्बारा हर दिन कोई-न-कोई श्रेष्ठ संस्कार बनाते रहे, तो पुराने संस्कार स्वतः समाप्त हो जाएंगे… मुख्य बात, अपनी दिनचर्या के संस्कार को श्रीमत प्रमाण बनाते, श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर जीवन का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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