The divine love-marriage! | Sakar Murli Churnings 18-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
इस संगम-यूनिवर्सिटी-ब्रह्मा तन द्वारा स्वयं बाप-टीचर-सतगुरु-मार्शल शिवबाबा हमें rejuvenate-श्रृंगार करते… आत्मा समझ बाबा को प्यार से याद कर सतोप्रधान बनने के साथ, बहुत दिव्यगुण-सम्पन्न खुशी-नशा-उमंग-रोयल्टी रहें, कि… हम श्रीमत पर परिस्तान-स्वर्ग-सुखधाम के मालिक बन रहें (जहां लम्बी आयु, गोल्डन स्पुन इन माउथ होगा)… तो कीचड़पट्टी-ख्याल-कमी-लूनपानी-शो-अभिमान से परे, अन्तर्मुखी-साफ-स्वच्छ रहेंगे
चिन्तन
जबकि हमारी बाबा के साथ लव-मैरेज हुई है, तो सदा समर्पित-बुद्धि बन… व्यर्थ-हद की बातों से परे रह, बाबा के श्रेष्ठ ज्ञान-योग के ख्यालो में अपनी आंतरिक कमाई-शक्ति को बढ़ाते… गहरी-अलौकिक शान्ति-प्रेम-आनंद की दिव्य अनुभूति से सम्पन्न रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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