The essence of all festivals! | Sakar Murli Churnings 25-07-2019

The essence of all festivals! | Sakar Murli Churnings 25-07-2019

सार

जिसे दुःख-वश भक्ति में सब याद करते, वह ज्ञान का सागर बीज-रूप बाबा हमें पढ़ाते (ब्रह्मा-मुख द्बारा आकाशवाणी करते)-प्यार-पूछकर करते, मित्र बनाते… तो बुद्धि को सोने का बर्तन बनाने, आत्मा भाई-भाई की दृष्टि पक्की कर याद की रेस करनी है, फिर सुख-शान्ति सम्पन्न स्वर्ग में पहुँच जाएँगे… हमें सबकी सेवा-सद्गति करते रहना है, विरोध से डरना नहीं है

चिन्तन

तो जबकि स्वयं भगवान् आकर (शिव-जयन्ती) ज्ञान देते (गीता-जयन्ती), तो पवित्रता की प्रतिज्ञा द्बारा (राखी) सदा उनके ज्ञान-रंगों से खेल (होली) अपनी आत्मा-ज्योति जगाकर (दीपावली) बाबा को याद कर सर्व-शक्ति सम्पन्न बन (नवरात्रि) विकारों पर विजय (दशहरा) प्राप्त करते-कराते नई दुनिया सतयुग स्थापन करें (कृष्ण-स्वर्ग जयन्ती), फिर चक्र फिरता रहेगा (त्रेता में राम-जयन्ती)… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘The essence of all festivals! | Sakar Murli Churnings 25-07-2019’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *