Excelling in service! | (14th) Avyakt Murli Churnings 18-05-69

Excelling in service! | (14th) Avyakt Murli Churnings 18-05-69

1. सेवा में मुख्य गुण चाहिए:

  • एवर-रेडी
  • ऑल-राउंडर
  • यह स्मृति “जो कर्म हम करेंगे, हमें देख सब करेंगे” (हम स्टेज पर है, सभी हमें देख रहे, तो attention रहेंगा)
  • और स्मृति “21 जन्मों की रिकॉर्डिंग हो रही है” (तो कोई भी गफलत नहीं होंगी)

2. दो प्रकार है… रूहें गुलाब अर्थात सदा रूहानी स्थिति में स्थित… गुलाब अर्थात सेवा-धारणा-संस्कार अच्छे-शीतल, पर रूहानी स्थिति कम

इसकी परख मस्तक-नयन-मुखड़े द्बारा प्रत्यक्ष होती… परखना आवश्यक है क्योंकि कई प्रकार के व्यक्ति आएँगे, हमें शक्ति-रूप बनना है… अशुद्ध आत्माओं से बचने के लिए हर कर्मेंद्रीयां को योग अग्नि में तपाना है… प्राकृतिक आपदाओं का सामना शक्ति-रूप हो करना है

3. अव्यक्त समय में हमारा शक्ति-रूप बनने का पार्ट है… हमारा अन्तिम गायन है भारत माता शक्ति अवतार, उंगली से पर्वत उठाना यह भी शक्ति की निशानी है… हम शक्ति रूप में स्थित हो जाए, तो सभी रही हुई आत्माएं भी आ जाएंगी


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