Excelling in Yog! | Sakar Murli Churnings 10-08-2019
सार
1. संगम पर सबसे बड़ी position वाला निराकार भगवान् हमें प्रजापिता ब्रह्मा द्बारा adopt कर सर्वोत्तम भाग्यशाली ब्राह्मण बनाते
2. ज्ञान-शिक्षा देते, कैसे हमने 84 जन्मों का ऑल-राउंड पार्ट पूरा कर अब पतित-दुःखधाम में पहुँचे हैं, अब जाना है शान्तिधाम (सूर्य-चन्द्र से पार, दूरदेश, हमारा घर, ब्रह्माण्ड) और सुखधाम (स्वर्ग, अमरपुरी, पवित्रता-सुख-शान्ति सम्पन्न), जहां लक्ष्मी-नारायण का ऊंच पद पाना है
3. यह ड्रामा बना हुआ है… एक सेकण्ड वा एक के फीचर्स न मिले दूसरे से
4. हमारी याद की यात्रा पक्की होती जाएंगी (फिर कुछ याद नहीं आएँगा), रूहानी पण्डा बन सबको रास्ता भी दिखाते रहना है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने कहा कि हमारी याद की यात्रा पक्की होतो जाएंगी… तो अभी से:
- सबको आत्मा भाई-भाई, बाबा के बच्चें समझते
- सभी कार्य बाबा को सौपते, उसका आह्वान करते
- देह को भी बाबा की अमानत समझते
निरन्तर आत्म-अभिमानी-योगी बन सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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