Experiencing divine characters! | Sakar Murli Churnings 26-09-2019

Experiencing divine characters! | Sakar Murli Churnings 26-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमारे बुलावे पर, स्वयं बेहद का बाप परमधाम-घर से आकर ब्रह्मा-तन द्बारा (भारत-आबू में)… हमें सहज राजयोग सिखाते (अर्थात घर-गृहस्थ में रहते, चलते-फिरते भी अपने को आत्मा समझ पतित-पावन सर्वशक्तिमान बाबा को याद करना), जिससे पाप-कट हो पावन-सतोप्रधान बन वापिस घर जाते… साथ में दिव्यगुण-सम्पन्न मीठे-उत्तम-पवित्र कैरेक्टर्स भी बनते, जबकि हम नई-पावन-जीवनमुक्त दुनिया स्वर्ग का मालिक बन रहे

2. माया आए तो भी हमारी बाप से प्रीत-बुद्धि है, हम कल्प-कल्प के विजयी रत्न है… जबकि इस स्कूल में हमारी पद्मों की कमाई हो रही, हम देवता बन रहे, तो सुस्ती-उबासी आँख-बंद आदि से बचना है

चिन्तन

जबकि यही समय है दिव्य कैरेक्टर्स बनाने का… तो सदा अपने दिव्य एम-object को सामने रख, व्यर्थ बातों से अन्तर्मुखी बन, सदा ज्ञान-योग के भिन्न-भिन्न श्रेष्ठ स्मृति-अभ्यास द्बारा ऊँची सदा-खुश स्थिति का अनुभव करते रहे… तो स्वतः हमारी हर चलन दिव्यगुण-सम्पन्न श्रेष्ठ बन… हम सबको श्रेष्ठ उदाहरण द्बारा आप-समान बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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