Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020

Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सद्गति देने वाला भगवान्-शिवबाबा हमें अपने बच्चा बनाकर नई-सतयुगी-दुनिया के वर्से लिए पढ़ाते… तो सच्ची शान्ति अनुभव करने, सदा अपने को देह से न्यारी आत्मा समझ, फिर उस एक-निराकार-ऊपरवाले पतित-पावन बाबा को याद कर विकर्माजीत पारस-बुद्धि श्रेष्ठाचारी दिव्यगुण-सम्पन्न बन जाए (श्रीमत पर, तब कहेंगे मातेले-वारिस)… साथ में सबकी सेवा करते रहे

चिन्तन

जबकि शक्तिशाली अशरीरी-स्थिति ही स्थाई-शान्ति अनुभव करने का आधार है… तो पहले तो कम-से-कम 15-20 मिनट समय निकाल, बैठकर देह से न्यारा (शरीर को न हिलाते) आत्म चिन्तन-realization द्वारा शान्ति में स्थित हो, फिर बाबा को बहुत प्यार-एकाग्रता से याद कर… उनकी शक्तियों से सम्पन्न कमजोरियों से परे जा, सर्व प्राप्ति सम्पन्न स्थिति अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Experiencing peace through bodyless stage! | Sakar Murli Churnings 13-02-2020’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *