सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प | 150 thoughts for experiencing the Subtle World

सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प | 150 thoughts for experiencing the Subtle World

सूक्ष्मवतन में फरिश्ता स्वरूप की अनुभुती करना और बापदादा मिलन मनाना… हमारे इस सहज राजयोगी जीवन के बहुत सुन्दर, आनंद-मय, सहज अभ्यास है

तो इन्हें और सहज करने, आज आपको सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प भेज रहे हैं… इस विशेष सतगुरूवार की सौगात को बहुत प्यार से बाबा की याद में स्वीकार करना जी!

सूक्ष्मवतन का अनुभव

  • आकाश से ऊपर, सूर्य-चंद्र-तारागण-अन्तरिक्ष से भी पार… यह सफेद प्रकाश की दुनिया है… चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश है, जैसे हजारों चंद्रमा की रोशनी
  • यह सूक्ष्मवतन, सूक्ष्म लोक, अव्यक्त वतन… आकारी दुनिया, Subtle World, Subtle Region… मूवी वर्ल्ड है
  • यहां कोई आवाज नहीं, संकल्पों-इशारों की भाषा है
  • कोई स्थूलता नहीं, 5 तत्व, हड्डी-मास आदि … फरिश्तों की दुनिया है

फरिश्ता स्वरूप!

  • मैं फरिश्ता, angel हूँ
  • मेरा सूक्ष्म आकारी चोला, लाइट का कार्ब, प्रकाशमय काया, चमकीली ड्रेस, energy body, aura है
  • मैं हल्का, डबल लाइट हूँ… पारदर्शी हूँ, मुझे कोई छू भी नहीं सकता… बन्धन-मुक्त, निर्बंधन, स्वतन्त्र, आजा़द, उड़ता पंछी हूँ
  • मैं व्यक्त भान से परे, व्यक्तियों से भी परे, अव्यक्त स्थिति में स्थित… बिल्कुल शान्त हूँ
  • मैं उड़ती कला अर्थात सदा शान्ति, प्रेम, आनंद की अनुभवी हूँ
  • मैं ईश्वरीय ज्ञान, गुण, शक्तियों, नशे से सम्पन्न हूँ… ब्रह्मा बाप-समान सम्पन्न-सम्पूर्ण हूँ
  • मेरे चारों ओर लाइट फैल रही है… मैं लाइट हाउस, माइट हाउस फरिश्ता हूँ
  • मैं सबको शुभ भावना, दुआ, आशीर्वाद, वरदान देता हूं… बाबा का राइट हैड हूँ
  • मैं अर्श निवासी फरिश्ता, सूक्ष्मवतन से अवतरित हुआ हूँ… सब का कल्याण, विश्व कल्याण के लिए, सतयुग स्थापन करने
  • फ़र्श से कोई रिश्ता नहीं, सर्व रिश्ते एक बाप से.. देह-दुनिया से परे, न्यारा, उपराम, अनासक्त, ऊंच, अलौकिक हूँ

बापदादा का अनुभव!

  • बापदादा परम-फरिश्ता है, ज्ञान सूर्य-चंद्रमा कम्बाइन्ड है, लाइट स्वरूप
  • उनकी सूक्ष्म उपस्थिति, बहुत सुखदाई वाइब्रेशन अनुभव हो रहे हैं
  • मुझे बुला रहे हैं… देख रहे हैं, दृष्टि दे रहे हैं… वरदानी हाथ सिर पर है, विजय का तिलक लगा रहे हैं
  • मेरे हाथों में हाथ है, उनका साथ अनुभव कर रहा हुँ, सर्व सम्बन्धों से (मात, पिता, शिक्षक, सतगुरु, बड़ा भाई, सखा, साजन, सर्जन, बच्चा)
  • मुझे प्यार-पुचकार-दुलार देते… मैं बाबा को थैंक्स कहता… सारे बोझ दे देता… समर्पित हो जाता
  • बाबा ने मुझे ताज-तख्त-तीलकधारी बना दिया है… अपना सिरमोर, मस्तक मणि, नैनों का नूर, गले का हार, दिल-तख्त-नशीन, भुजा बना दिया है

ग्लोब को सकाश

  • मैं पूरे ग्लोब को सकाश दे रहा हुँ… बाबा के साथ घूमकर…
  • सबका भला हो, कल्याण हो, आगे बढ़े, प्रगति हो, सफलता मिले… शांत, खुश, सन्तुष्ट, सुखी रहे… दुःख-दर्द-पीडा़-तकलीफ-बीमारी-क्लेश से मुक्त हो… उनका भी प्रभु मिलन हो जाएँ, वर्से के अधिकारी बन जाएँ, जन्म-जन्मान्तर के लिए

भिन्न-भिन्न समय

  • भोजन पहले… मैं बापदादा को भोग स्वीकार करा रही हूँ, उनके मस्तक से पवित्र किरणें भोजन पर पड़ रही है
  • भोजन करते… मैं बाबा को खिला रही हूँ, बाबा मुझे खिला रहे हैं
  • रात को… बाबा ने मेरा लाइट का बिस्तर तैयार किया है, उनकी गोद में सो जाता हूँ, बाबा हाथ फेर रहे हैं
  • सुबह… बापदादा को गुड़मॉर्निंग

और कोई संकल्प आए तो… (उस योग-अभ्यास के कुछ मिनटों में)

  • पास्ट / समस्याओं के विचार…. कुछ देर बाद सोचेंगे
  • कोई देहधारी की याद… वह आत्मा है, बाबा के बच्चे, फरिश्ते है… मुझे बाबा के साथ रहना है… उन्हें देना है
  • स्थूल दुनियावी बातें… मैं तो सूक्ष्मवतन में हूँ
  • देह की बातें… मैं तो फरिश्ता हूँ
  • व्यर्थ बातें… मुझे तो ज्ञान-चिन्तन करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… इन सुन्दर संकल्पों के अभ्यास द्वारा बिल्कुल हल्के, शान्ति प्रेम आनंद की अनुभूति से भरपूर रहे… इन्हें औरों को भी शुभ-भावना दुआओं द्वारा बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


बहुत सुन्दर विडियो योग कमेंटरी – फरिश्ता स्वरूप की अनुभूति – Sheilu Behn

https://youtu.be/RINyKmZ_hBY

1) गीत: फरिश्ते है हम…

2) गीत : फरिश्ता रूप रचकर…

3) गीत: मेरे मन फरिश्ता बन…

4) गीत: एक फरिश्ता आया है…

4 Replies to “सूक्ष्मवतन का अनुभव करने लिए 150 संकल्प | 150 thoughts for experiencing the Subtle World”

  1. Superb..thank u divine brother..i like d simple language..i could feel d light and d divinity of sukshmavatan..

  2. So beautifully potraited Viral bhai.. ??feeling bapdada’s Vardan and his pure and unconditional love ???????????????om shaanti

  3. Thanks my divine family give me such a beautiful thoughts for my new world. Om Shanti to all divine family members. ??????

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