Gathering happiness! | Sakar Murli Churnings 19-11-2019

Gathering happiness! | Sakar Murli Churnings 19-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. ओम् शान्ति अर्थात्‌ आत्मा स्वयं का परिचय देती, मैं आत्मा उस परमात्मा की सन्तान हूँ, हम स्प्रीचुअल बाप-बघ्चें है… हमें सारे चक्र का ज्ञान है (पहले है दिन-सुख, ज्ञान की प्रालब्ध, सतयुग-त्रेता… फिर है रात-भक्ति-दुःख… फिर पुरानी दुनिया से वैराग्य, बाबा ले जाते घर-विज्ञान में)

2. जो बाबा-टीचर से सुना, वह सब को सुनाना है (समझने वाले समझ जाएंगे … मुख्य बात, हम सब आत्माएं भाई-भाई है, पतित-पावन बाबा को याद करना है… जिससे पावन-सतोप्रधान-मायाजीत दिव्यगुण-सम्पन्न खुश बनते, नई दुनिया वैकुण्ठ-स्वर्ग के मालिक

3. एकरस खुश मूड के लिए मन से सबको सुख शान्ति प्रेम की अंचली देने वाला देवता-दाता रहना है

चिन्तन

जबकि हम आधा-कल्प का सुख जमा कर रहे, तो सदा खुश रह सबको खुशियां लुटाते रहे… इसलिए सदा पुराने संस्कारों से बचने-समाप्त करने, ज्ञान-योग-सेवा सम्पन्न दिनचर्या में बिजी़ रह… सदा अपने योग के चार्ट को बढ़ाते, अपनी सतोप्रधान शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति तक पहुंचते-पहुंचाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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