The gift of divine intellect! | Avyakt Murli Churnings 01-09-2019

The gift of divine intellect! | Avyakt Murli Churnings 01-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

दिव्य-बुद्धि की लिफ्ट!

आज विश्व-रचता बाप अपने जहान के नूर (रोशनी) बच्चों को देख रहे, एसे श्रेष्ठ बच्चे ही गायन-पूजन योग्य-विश्व अधिकारी बनते… बाबा ने हमें जन्मते ही दिव्य-बुद्धि और दिव्य-नेत्र का वरदान-गिफ्ट-सौगातें दि है:

  • दिव्य-बुद्धि लिफ्ट का काम करती (सेकण्ड में संकल्प किया, और ऊंची स्थिति बनी)… सिर्फ माया की छाया से बचे रहना है (जो लिफ्ट को अत्काकर परेशान करती)
  • दिव्य-बुद्धि रूपी विमान में श्रीमत का रिफाइन साधन (पेट्रोल) डालने से सहज उडेंगे… मनमत-परमत के कीचड़ से बचे रहना है

पार्टीयों से मुलाकात

1. सफलता-स्वरूप बनना और सबको सफलता की चाबी देना… इससे सब की आशीर्वाद मिलता, आगे बढ़ते

2. हमारी दृष्टि बदलने से सृष्टि बदल गई है, अब बाबा ही सृष्टि है, हर संकल्प-सेकण्ड साथ है… जिस कारण लौकिक में भी अलौकिक-शक्तिशाली-बेफिक्र बन गए (सोचने का काम भी बाबा करता)

ईश्वरीय स्नेह-सहयोग

1. जब पहले स्वयं की कर्मेंद्रीयां को स्नेही-सहयोगी बनाएंगे, तब ही साथियों पर भी प्रभाव होगा… सदा बाबा के कार्य में सहयोगी बनना है, माया से किनारा 

2. ईश्वरीय स्नेह-सहयोग-शुभ भावना-कामना सबको एक सूत्र में बाँधता, सहजयोगी बनाता, सहज परिवर्तन कराता… एकता का शक्तिशाली कीला बनता 

3. अब सभी सामने से सहयोगी बनेंगे (जिसका बाबा पद्म-गुणा रिटर्न देते), हमें ऎसा खुशी-सद्भावना-सहयोग का शक्तिशाली बाण बनना है 

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा दिव्य-बुद्धि की godly गिफ्ट को स्मृति में रख, बाबा को अपनी सृष्टि बनाते सदा उड़ती कला (शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति) का अनुभव करते… जहान का नूर बन, सबको प्रकाशित करते, ईश्वरीय स्नेह-सहयोगी-सहजयोगी बनाते, जहान को सतयुगी बनाते रह… ओम् शान्ति! 


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