Giving our heart to One! | Sakar Murli Churnings 17-01-2020

Giving our heart to One! | Sakar Murli Churnings 17-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम-स्कूल-ब्रह्मा द्वारा… निराकार-शिवबाबा-राम, पतित-पावन सद्गति-दाता कालों का काल ज्ञान-सागर नॉलेजफुल… हम रूहानी-ब्राह्मण-बच्चे निराकार-सालिग्राम-आत्मा को… ज्ञान-पढ़ाई सुनाते-समझाते

2. हम अन्तर्मुखी-शान्त हो कार्य करते भी, पिताव्रता-बलिहार हो, याद-योग में रहते… माया-वश औरों से दिल लगाकर सजा के पात्र नहीं बनना, भूलों को दोहराना नहीं… तो विकर्म-विनाश देहभान गलता, सतोप्रधान-खुशी से भरपूर होते… औरों से सेवा नहीं लेनी, हमें तो शौक होना चाहिए अंधों की लाठी बन आप-समान कल्याण करने की सेवा करने में (चित्र-प्रदर्शनी-मेले-सेन्टर-हॉल द्वारा)

3. जबकि विनाश सामने खड़ा है, तो scholarship ले माला में आने का लक्ष्य जरूर रखना है… सुख-शान्ति-सतोप्रधान दुनिया सतयुग-स्वर्ग के मालिक बनने

चिन्तन

जबकि बाबा को दिल देने में ही सर्व-प्राप्तियां है (वा औरों को दिल देने में सब नुकसान है)… तो आज सच्चे-दिल से स्वयं को शिव-साजन पर समर्पित-बलिहार कर, सारा दिन के अपने योग के चार्ट को दिन-प्रतिदिन बढ़ाते… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर दिव्यगुण-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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