Giving peace & power to all | शान्ति की लहरें-किरणें बांटना | Avyakt Murli Churnings 28-04-2019

Giving peace & power to all | शान्ति की लहरें-किरणें बांटना | Avyakt Murli Churnings 28-04-2019

1. हम पूर्वज-पूज्य आत्माएं हैं, जिनके द्वारा सबको शान्ति-शक्ति मिलती (हम मास्टर शान्ति-सागर, शान्ति-सूर्य है), सब यही चाहते … तो मन्सा को ऎसे मजबूत करना है, क्योंकि मन के अनुभव ही मन तक पहुँचते, औरों को श्रेष्ठ बनने की प्रेरणा देते

2. बेहद के वैरागी अर्थात इस शरीर-घर से भी न्यारे, तो पुराने स्वभाव-संस्कार-साधन से स्वतः परे रहेंगे… सिर्फ़ निमित्त साधनो को मालिक-करावनहार-उड़ता योगी बन सेवा-पुरूषार्थ के लिए विधि बनाकर सिद्धि को प्राप्त करना है… फिर वशीभूत-परवश-परेशान नहीं होंगे, परन्तु सदा देह-भान (धरती), विकारों (अग्नि), साधनो के आकर्षण (बहाव) से ऊपर रहेंगे

3. हलचल में अलबेलापन (यह तो होता ही है, अभी तो समय है), वा आलस्य (कर रहे हैं, हो जाएँगा, कौन बना है) की चद्दर ओढ़ने के बजाए… सदा अचल बन सबको अपनी सेवा द्वारा शान्ति-शक्ति-उमंग दिलाते रहना है… हम समय-परिस्थिति से श्रेष्ठ है, तो सिर्फ उनके कारण तीव्र पुरूषार्थ करने के बजाए, हमें समय को समीप लाना है

4. हमें सिर्फ निमित्त बन स्नेह-पूर्ण सेवा-संदेश देना है, इससे स्नेह-सम्बन्ध बढ़ता, और बीज पड़ता आगे फलीभूत जरूर होगा (अर्थात सब अपना भाग्य अवश्य बनाएँगे, विदेश देश को जगाएगा), हमारा जमा तो होता ही है… अभी तो साधन भी सहज, जितना दिल से सेवा में busy रहते उतना मायाजीत रहते, आगे बढ़ने का वरदान तो हमें मिला ही हुआ है

5. हम सदा मिलन मेले में है (जहां भी हो), इसलिए सदा सर्व प्राप्तियां-सुख से सम्पन्न झूल रहे है… शान्ति की शक्ति सर्वश्रेष्ठ शक्ति है (जिससे ही सर्व शक्तियां-साइंस निकली है), इससे असम्भव भी सम्भव-सहज होता, तो इसके द्वारा सहजयोगी जरूर बनना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… समय से पहले ही सदा बाबा के मिलन मेले में सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन, मास्टर शान्ति सागर-सूर्य बनके सबको शान्ति-शक्ति की अनुभुती कराते, सत्य प्राप्ति कि realization कराते रहे… बाबा से जुड़ाते सतयुग बनाते चले

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