God, the most humble| भगवान सबसे निरहंकारी है | Sakar Murli Churnings 20-12-2018
कितना मीठा, कितना प्यारा!
बाबा ने कहा मैं तुमसे अपनी पूजा नहीं करा सकता, क्योंकि:
- में तुम्हारा most obedient servant हूँ… तुम मेरे मालिक हो
- मैं तो तुम्हें नमस्ते करता हूँ… निरहंकारी हूँ
- में सदा दाता हूँ… कुछ भी लेता नहीं हूँ
- मेरे तो पैर ही नहीं!
- तुम विश्व के मालिक बनने वाले हो… बाप समान बनते हो
- तुम खुद पूज्य बनते हो, सालिग्राम और देवता रूप मे तुम्हारी डबल पूजा होती है… क्योंकि तुम पवित्र बन, रूहानी सोशल वर्कर बन भारत को स्वर्ग बनाने की सेवा करते हो!
- माया ने तुम्हें बहुत तंग किया है, और भी बहुत दुःख आने है
और भी कुछ पॉइंट्स हैं:
- आधाकल्प बच्चे भक्ति करते थक गए हैं
- बाबा हमसे सच्चा प्यार करते… हमको मेहनत करते नहीं देख सकते
- बाबा हमें बहुत ऊंची दृष्टि से देखते हैं!
- बाबा ज्ञान का सागर है, इसलिए हमे सिर्फ यथार्थ पुरुषार्थ कराते हैं… अर्थात अपने को आत्मा समझ बाप को यथार्थ रीति याद करना हैं, इसमें सब कुछ आ जाता है
- वह चाहता है, कि उसके सारे गुण हम अपने में ग्रहण करे, सिर्फ पूजा नहीं!
आज के अन्य पॉइन्ट्स
- सतयुग में हम पारसबुद्धि होते हैं, निरोगी रहते हैं, और सम्पूर्ण सुख होता है
- हम बाबा की गोद में है… बाबा हमें ज्ञान, गुण, शक्तियों से रॉयल पालना कर रहे हैं… इससे हम छोटी छोटी समस्याएं तो क्या, विनाश के दर्दनाक सीन को भी सहज क्रॉस कर लेंगे!
- आज का गीत, निर्बल से लड़ाई बलवान की ये कहानी है दिये की और तूफान की, बहुत अच्छा है.. इसे पूरा अवश्य सुने (Brahma Kumaris Official Madhuban Murli App द्वारा!)
सार
तो चलिए आज सारा दिन… ऎसे मीठे निरहंकारी बाबा को बहुत प्यार से याद करते रहें, और उनके गुण और शक्तियों से भरपूर रहे… जिससे हम सभी दुखों के प्रभाव से पार, अतिन्द्रीय सुख की झूले में झूलते रहें!… ओम् शान्ति!