God’s love, the greatest fortune! | परमात्म प्यार है सबसे बड़ा भाग्य | Avyakt Murli Churnings 13-01-2019
प्रभु प्यार का भाग्य
- हम स्नेही सहयोगी सहजयोगी आत्माएं बाप के प्रिय सो विश्व के प्रिय है… इसी भाग्य की खुशी व नशे में रहना है
- परमात्म प्यार बिना जीवन नीरस है, सभी यह चाहते, और हमें रोझ मिलता है!… तो इसे अच्छे से अनुभव जरूर करना है
- परमात्म प्यार में लवलीन रहने से सहज ही विघ्न-विनाशक, समाधान-स्वरूप, मायाजीत बन जाते हैं!
श्रेष्ठ भाग्य बनाने की सहज विधि
सर्व सम्बन्ध की याद से सहजयोगी बन जाते… और ऎसे बाबा को सदा साथ रखने से समस्याएं खेल बन जाती (अर्थात वह हमें प्रभावित नहीं करती)… तो श्रेष्ठ जमा भी होता और पुराना चुक्यू भी होता रहता, double प्राप्ति!
अनुभव की अथॉरिटी बनने से हर कदम में सफलता मिलती रहती है… और सेवा के निमित्त बनने से लिफ्ट प्राप्त होती, जिससे सहज ही सम्पन्न बन जाते!
हम कई झंझतों से मुक्त है, तो हिम्मतवान बनकर लौकिक में रहते आलोकोक सेवा करते रहना है… एक बाबा को संसार बनाकर उसकी याद में एकरस रहना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… परमात्म प्यार का सर्व संबंध से अनुभव कर मायाजीत बन श्रेष्ठ भाग्य बनाते चले… और विश्व का भी भाग्य बदल सतयुग बना दे… ओम् शान्ति!
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