The grain of world sovereignty! | Sakar Murli Churnings 24-08-2019

The grain of world sovereignty! | Sakar Murli Churnings 24-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. भगवान् हमारा बाप (नई दुनिया-स्वर्ग का वर्सा देते), टीचर (शिक्षा देते, ब्रह्मा तन द्बारा), सतगुरु (पावन बनाए, सद्गति करते) है, उसे ही याद करना है (और कोई नहीं)… जिसके लिए बुराइयों-माया से परे रहना है… संगम पर ऎसे श्रेष्ठ पढ़ाई-पुरुषार्थ कर, ऊंच पद जरूर प्राप्त करना है

2. जो मित्र-सम्बन्धि आए, सबकी सेवा करनी है, सेवा से ही पद्मापद्म-पति बनते… शिव के चित्र-बैज पर भी बहुत अच्छा समझा सकते (वह हमारा बाप-टीचर-सतगुरू है, नई दुनिया स्थापन करते, उसे याद कर पावन बनना है)… गंगा जी पर (कैसे बाबा पतित-पावन है)… आदि

चिन्तन

जबकि बाबा हमें विश्व की बादशाही का दाना देते… तो सदा उनके ज्ञान रत्नों से भरपूर, योगयुक्त, सर्व प्राप्ति सम्पन्न, धारणा-मूर्त बन… सबको बहुत प्यार से अविनाशी ज्ञान-गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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