Having spiritual love for all! | Sakar Murli Churnings 22-06-2019
हम अपने को आत्मा समझते, जिससे देवता बनते जाते (सतयुग में आत्म-अभिमानी होते, सर्प का मिसाल)… ऎसे श्रेष्ठ बनाने वाले बाबा को तो कितना याद करना चाहिए, जो ब्रह्मा तन में आकार हमें रौशनी दे पवित्र गुल-गुल बनाए साथ ले जाते, फिर अमरलोक में भेजते… एक बाप के हम सभी बच्चें भाई-भाई है, तो सबसे रूहानी प्यार चाहिए
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमारे सभी आत्मा-भाइयों में विशेषताएं हैं, तो सदा बाबा से combined सर्व प्राप्ति सम्पन्न रह, सबको सम्मान-प्यार देते, क्षीरखण्ड दुनिया सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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