Holiest, Highest, Richest – Avyakt Murli Churnings 30-11-2018

Holiest, Highest, Richest imageHoliest, Highest, Richest (Avyakt Murli Churnings 30-11-2018) 

आज बाबा हमारे मस्तक पर 3 परमातप्रा प्तियां देख रहे हैं:

  1. Holiest
  2. Highest
  3. Richest

Holiest

बाबा हमे स्वमान दे रहे हैं ‘में Holiest हूं‘… और इस स्वमान को शक्तिशाली बनाने के लिए 2 स्मृति देते हैं:

  1. हम अनादि स्वरूप मे, परमधाम मे भी Holiest है
  2. हमारा आदि स्वरूप, देव स्वरूप भी Holiest है

इस स्वमान के फलस्वरूप, हमारे जीवन के सभी पहलु पवित्र बन जाते हैं:

  1. स्वप्न
  2. मन… (अपवित्र, नकारात्मक, व्यर्थ संकल्पों से मुक्त)
  3. वाणी… (मधुर, ज्ञानयुक्त, युक्तियुक्त बोल)
  4. कर्म… (सुखदाई, प्रेरणादायी कर्म)
  5. संबंध… (आत्मिक स्नेह से भरपूर)
  6. सम्पर्क…  (संतुष्ट रहना और संतुष्ट करना)
  7. प्रवृति
  8. स्थूल पवित्रता ब्रह्मचर्य

और सतयुग में… हम आत्मा और हमारा शरीर दोनों पवित्र बन जाते हैं !

Highest

  1. ऊंचे ते ऊंचे बाप के बच्चे
  2. ऊंचे ब्राह्मण
  3. परमधाम में भी Highest… अर्थात बाप के समीप
  4. देवताओं की सबसे विधि पूर्वक पूजा होती है

Richest in the kalpa! 

  1. अविनाशी (अर्थात साथ चलने वाले) अनगिनत खज़ानो के मालिक… ज्ञान, गुण, शक्तियां, समय, संकल्प
  2. खुशी जैसा खज़ाना नहीं… खुशी जैसी खुराक नहीं… खुशी बांटने से बढ़ती है
  3. एक एक सेकंड बहुत मूल्यवान… श्रेष्ठ कर्मों के बीज बोने का समय

बाबा ने कमाई जमा करने के बहुत तरीके बताए:

  1. याद से कमाई जमा होती है… संबंध के स्नेह और प्राप्तियों के आधार पर सहज याद हो जाती है… याद भूलना मुश्किल हो जाता है
  2. मैं कहो, तो याद रहे ‘मैं श्रेष्ठ आत्मा हूं
  3. मेरा कहो, तो ‘मेरा बाबा‘ याद आए
  4. बिंदी लगाते जाए… में आत्मा बिंदी, मेरा बाप परमात्मा बिंदी, और ड्रामा में जो हुआ वह full stop!
  5. स्वमान में स्थिति रहना

Om Shanti!

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