Holiest of Holy! | Sakar Murli Churnings 04-01-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम ब्राह्मण-बच्चों-आत्माओं को अन्दर देखना है, कितने पाप खत्म कर पावन-सतोप्रधान पुण्य-आत्मा बनें है (जो चलन-आसानी-खुशी-सेवा से प्रत्यक्ष होता)… जितना याद करेंगे, उतना उन्नति-खुशी होती, अन्त में कर्मातीत बनेंगे
2. जितना टीचर बन औरों का कल्याण करते (बाबा का परिचय देते रहते), अपनी ही याद बढ़ती (सर्विस-लायक बनते जाना हैं)… यह सब हम सत्य-ज्ञान सागर परमात्मा-इश्वर शिवबाबा की श्रीमत-ज्ञान-पढ़ाई के आधार पर करते… फिर (वाया शान्तिधाम-घर) नई-पावन दुनिया स्वर्ग-सतयुग का मालिक बनते (हम सारे झाड़-ड्रामा को जानते)
चिन्तन
जबकि हम होलीएस्ट ऑफ होली बाबा के बच्चें है… तो सदा अपनी स्थिति-खुशी-दिव्यगुणों की धारणा की चेकिंग करते, इस अव्यक्त-मास में अपने याद के चार्ट को रोज़-रोज़ बढ़ाते, सदाकाल के परिवर्तन का अनुभव करते… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहने-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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