How God creates the New World | सतयुगी सृष्टि कैसे स्थापन होती है | Sakar Murli Churnings 15-12-2018
आज बाबा ने मुरली में (रात्रि क्लास सहित) बड़ी स्पष्ट रूप में समझाया है कि नई दुनिया की स्थापना कैसे होती है!
नई दुनिया की स्थापना
- बेहद की रात (कलियुग) में है दुख, भगवान की पुकार, आदि… और सतयुग-त्रेता में है सुख, अशोक वाटिका… सर्वोत्तम आदि सनातन देवी-देवता धर्म
- यह वही गीता एपिसोड चल रहा है… भगवान (ब्रह्मा के) रथ पर आए हैं, हम सभी अर्जुन (अपने अपने शरीरो के रथी) को ज्ञान देने… और इस महाभारत (अर्थात माया के साथ युध्द) में विजयी बनाने
- पवित्रता ही सुख-शान्ति की जननी है… इसलिए पीस स्थापन करने लिए बाबा राजयोग सिखाते, पवित्रता की प्रतिज्ञा कराते!
- सबको मिठास से, रॉयल्टी से, समझ-पूर्वक ज्ञान सुनाना है… और हमारी बुद्धि में धारणा तब होगी, जब योग अच्छा होगा… फिर भव्य रूप से भी समझा सकते हैं!
रात्रि क्लास के पॉइन्ट्स
- मंगलम भगवान विष्णु… अर्थात हम अभी भगवान के साथ मंगल मिलन मना रहे हैं, जिससे भविष्य में विष्णु कुल में जाएँगे!
- इसलिए हम ब्राह्मणों जैसा खुशनसीब वा सौभाग्यशाली कोई नहीं
- बाबा कहते तुम जैसी ईश्वरीय समझ सारे कल्प में किसी के पास नहीं
- हम ब्राह्मण सिर्फ खुद देवता नहीं बनते, बल्कि सर्व को मनुष्य से देवता बनाने की सेवा करते हैं!
और जब हम सब एक बड़ी संख्या में तैयार हो जाते, तो इसके प्रभाव से सारे विश्व की स्थिति बदल जाती, और यह सृष्टि परिवर्तन हो सतयुग बन जाती!
सार
तो चलिए आज सारा दिन… राजयोग का अभ्यास (अर्थात परमात्म मिलन) करते हुए, बहुत शुध्द और ऊंची स्थिति में स्थित रहे… और इस खुशनसीबी, मीठे बोल और रॉयल व्यवहार से सबका बुद्धियोग परमात्मा से जोड़ते रहे, जिससे सहज ही इस सृष्टि पर सतयुग स्थापन हो जाए!… ओम् शान्ति!
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