How to be peaceful | शान्त रहने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 08-07-2019
1. इस पुरुषोत्तम संगमयुग पर बाबा आकर हम रूहों को रूहानी ज्ञान देते, अथवा शान्ति का रास्ता बताते… कामकाज करते भी अन्तर्मुखी देही-अभिमानी बन बाबा को याद करे (जो हमें सुख का वर्सा दे, स्वर्ग का महाराजा बनाते, ऊंच पद दिलाते, पावन बनाए साथ ले जाते)… तो बाबा के समीप रहेंगे, ताकत मिलेंगी, विकर्म विनाश हो शीतल बनेंगे
2. नहीं याद करेंगे तो माया देह-अभिमान में लाए उल्टा कर्म, क्रोध, लडना, बुरी दृष्टि लाए, निंदा कराएंगी… इसलिए घर में बहुत शान्त हो रहना है (हम शान्त-स्वरूप, शान्ति के सागर की सन्तान, शान्तिधाम के वासी, विश्व में शान्ति स्थापन करते हैं), भले कोई कुछ भी कहे, व्यर्थ बातें आदि, हमें तो सुख-शान्ति का वरदान मिला हुआ है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सदा अन्तर्मुखी रह अपनी आंतरिक सुख-शान्ति-खुशी का अनुभव करते रहे… पूराने संस्कार से बचे रहने, बाबा को बहुत प्यार से याद करते रहे… इस आंतरिक सम्पन्नता को सबके साथ बांटते (भल कोई कुछ भी कहे, हमें उन्हें देना है), सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings:
Thanks for reading this article on ‘How to be peaceful | शान्त रहने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 08-07-2019’