The importance of seva! | Avyakt Murli Churnings 06-10-2019

The importance of seva! | Avyakt Murli Churnings 06-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमें बाबा से लगन होने कारण, उनकी सेवा में भी खूब लगन-उमंग-उत्साह है… इसलिए अपना तन-मन-धन-समय सब सफल-जमा कर रहे हैं:

  • तन सेवा में लगाने से… 21 जन्म निरोगी काया मिलती
  • नैन-चेहरे से सदा अतीन्द्रिय सुख-शान्ति झलकती
  • मन को सदा शान्त रख, शुभ भावना-कामना द्बारा शान्ति की किरणें चारों और वायुमण्डल में फैलाने से… सदा मन शान्त रहता, हमारे ज़द मूर्तियों से भी शान्ति का दान सबको मिलता रहता
  • धन सेवा में लगाने से… 21 जन्म सम्पन्न राज्य-भाग्य प्राप्त करते, बाकी 63 जन्म भी मांगने से परे रहते
  • समय सेवा में लगाने से… सृष्टि के सतोप्रधान समय सतयुग में पहले-पहले आते, श्रीकृष्ण के साथ पढ़ेंगे-खेलेंगे

तो अभी सम्पूर्ण-सफल कर सम्पूर्ण-भाग्य प्राप्त करना है… जबकि हम ब्राह्मण बने हैं, भोलेनाथ बाबा एक का पद्म-गुणा दे रहे

2. हम कोर्टों में सो कोई विशेष आत्माएं है, इसी भाग्य की स्मृति द्बारा खुशी में ऊपर उड़ते रहना है… तो फरिश्ता बन जाएंगे, सदा बाबा के साथ रहने वाले स्वच्छ

3. हम एक स्नेह के सूत्र में बंधे हुए, बाबा की माला के मणके है… एक बाबा की लगन में मगन रहने से, विघ्न-विनाशक रत्न बनते… बाबा हमारी विशेषताओं का सदा गुणगान करते रहते

4. सदा समर्थ बन उड़ती कला में उड़ते-उड़ाते रहना है… उमंग-उत्साह से सबकी आशीर्वाद मिलती, जिससे और आगे बढ़ते रहते

सार (चिन्तन)

तो चलिए आज सारा दिन… सदा एक बाबा की लगन द्बारा समर्थ उमंग-उत्साह सम्पन्न बन… अपने तन-मन-धन को ईश्वरीय सेवा में सफल करते, सर्वश्रेष्ठ भाग्य प्राप्त करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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