Inaugurating the new world! | Sakar Murli Churnings 21-08-2019

Inaugurating the new world! | Sakar Murli Churnings 21-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. मधुबन (वा ईश्वरीय विश्व विद्यालय) में भगवान् पुराने ब्रह्मा तन द्बारा मुरली सुनाते (वा राजयोग सिखाते)… जिससे नई-सतोप्रधान-सुख की दुनिया स्थापन होतो (बाबा ने उद्घाटन तो कर दिया है, अब सिर्फ branches खुल रहे)

2. तो हमें सिर्फ… अपने को आत्मा समझ पवित्र बनना है, और पुराने पापों के बोझ को पतित-पावन बाप की याद द्बारा भस्म करना है… तो सम्पूर्ण पावन-सुखी बन जाएँगे

3. खूब सेवा करनी है, अनेकों को आप-समान योग्य बनाना है, सब से दिल की दुआएं मिलेंगी… हड्डी सेवा भी करनी है, पूरा फूल बनना है

4. हम शूद्र से ब्रह्मा मुख-वंशावली ब्राह्मण बनें है, देवता बनने… तो ब्रह्मा (वा सेंटर) से पूरा कनेक्शन रखना है, बाबा ब्रह्मा तन द्बारा ही हमें पढ़ाते-शिक्षा देते

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने नई दुनिया का उद्धतन कर दिया है, तो हम भी अपने श्रेष्ठ परिवर्तन का उद्घाटन करें… अर्थात सदा ज्ञान-योग के पक्के फाउंडेशन द्बारा सर्वश्रेष्ठ सदा-खुश योगयुक्त स्थिति में स्थित रह, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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