Increasing enthusiasm for seva! | Sakar Murli Churnings 04-07-2019
1. मुरली सुनकर जो सेवा करते वह समाचार Magazine में आते, जिसे पढ़ने से उमंग आता, कि हम भी हमारे श्रेष्ठ भाई-बहनों जैसे सेवा कर, ऊंच पद पाएं… मुख्य है ही पढ़ना और पढ़ाना
2. हम संगम पर खड़े कलियुग-सतयुग के अपार दुःख-सुख स्वर्ग-नर्क का contrast समझते, आत्मा का पार्ट अविनाशी रिपीट होता रहता… यह सब धारण कर, सबको आत्मा समझ सुनाना है…
3. यह wonderful रूहानी यूनिवर्सिटी है, सुप्रीम रूह हम रूहों को समझाते, हम उनके adopted ब्राह्मण बच्चें है… फिर हमारे श्रेष्ठ-दैवी संस्कार ट्रांसफ़र हो हम सतयुग में पहुंच जाएंगे, ऊंच पद, जैसे कि कपड़ा बदली करते
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमारे भाई-बहनें श्रीमत पर इतनी श्रेष्ठ सेवा कर रहे… तो हम भी श्रेष्ठ ज्ञान-योग द्बारा सर्वश्रेष्ठ धारणा-मूर्त बन जाए… तो स्वतः हमारे हर संकल्प-बोल-कर्म द्बारा सेवा होते, हम सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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