Looking at our future form! | Sakar Murli Churnings 30-12-2019

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मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम-बेहद रात में… हम मीठे-रूहानी बच्चें (अविनाशी-अमूल्य आत्मा, सत-चित्-आनंद शान्त-स्वरूप).. अपने रूहानी-सत्य-सुखकर्ता निराकार शिव बाप-टीचर संग ज्ञान सुनते… अपना भविष्य-पुरूषोत्तम-दैवी लक्ष्मी-नारायण स्वरूप देख रहे (नई दुनिया-सद्गति सुखधाम-फूलों के बगीचे का)

2. जिसके लिए सिर्फ अपने मीठे-पावन एक-बाबा को प्यार से याद कर… पावन-सतोप्रधान-मीठा-खुशबुदार फूल बनना है… सबको बाबा का परिचय देते रहना (हमें सारे ड्रामा का ज्ञान है, एक पार्ट न मिले दूसरे से)

चिन्तन

जबकि हमारा सम्पूर्ण-भविष्य-दैवी स्वरूप हमारे सामने है… तो सदा उसी को देखते-चिन्तन करते, उन जैसे मीठे-दैवी लक्षण अपने में धारण करने लिए… बाबा की प्यार-भरी मीठी यादों में खोए रह, सदा उसके साथ-combined-ऊपर रहते…. शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर मायाजीत रहते-करते, सतयुग बनाते चले.. ओम् शान्ति!


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