कविता – बनाया हमे भी रूहानी सर्जन!
ओ मेरे परम-वैद्य शिवबाबा, बनाया हमे भी रूहानी सर्जन
सारे विश्व को करेंगे निरोगी
नब्ज देख करते सबको सरसब्ज, ज्ञान की शक्ति से दिलाते दुःखों से मुक्ति
राजयोग की सबसे मीठी है दवाई, मुरली की अति मनभावन है गोली
सबको बनाते पावन और योगी
(सारे विश्व को करेंगे निरोगी… ओ मेरे परम-वैद्य शिवबाबा, बनाया हमे भी रूहानी सर्जन)
व्यर्थ की परहेज सर्वश्रेष्ठ है सुहेज, अशरीरी की exercise दिलाती सच्ची शान्ति
निराली यह ईश्वरीय यूनिवर्सिटी-कम-हॉस्पिटल, सर्व गुण-शक्तियों से सबको बनाती सम्पंन
विश्व को बनाती सतयुगी
(सारे विश्व को करेंगे निरोगी… ओ मेरे परम-वैद्य शिवबाबा, बनाया हमे भी रूहानी सर्जन)
Also read: