The most divine decoration! | Sakar Murli Churnings 28-09-2019

The most divine decoration! | Sakar Murli Churnings 28-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस बेहद की रात-माया से हमें छुड़ाकर… संगम पर ब्रह्मा-तन द्बारा स्वयं जादूगर-साजन-माशूक बाबा ने हमें बहुत सहज याद की यात्रा (मन्मनाभव, जो विचारों से होता, इसलिए चलते-फिरते काम-काज करते भी कर सकते) सिखाया है… जिससे हम साफ-सुन्दर बन लक्ष्मी-नारायण समान श्रृंगारे जाते (दिव्यगुण-स्वभाव भी आ जाते, paradise-अमरपुरी के मालिक बनते)

2. हम परचिन्तन, और बातों में श्रृंगार बुहारते, टाइम वेस्ट नहीं करते)… साथ में ज्ञान का चिन्तन भी करते रहना है… कैसे हम आत्माएं पार्टधारी भाई-भाई है, अब वापिस जाना है, फिर नई दुनिया में आएंगे… अभी हमारी कितनी कमाई हो रही, हम पद्मापद्म भाग्यशाली है 

चिन्तन

जबकि हमारा जन्म-जन्मांतर का सर्वश्रेष्ठ श्रृंगार हो रहा… तो सदा पास्ट-व्यर्थ से परे रह, बाबा के दिव्य ज्ञान-राजयोग का अभ्यास कर… सर्वश्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति का अनुभव कर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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