Murli Yog 23.9.24
सुप्रीम साथ 😇 की अलौकिक, अविनाशी खुशियां, नशे में निश्चिंत बन अच्छे, नम्बरवन, दैवी, सम्पूर्ण फूल 🌺 बनना; उदारता, विशालदिल से एकता की नींव बनने की ताकत 💪🏻… Murli Yog 23.9.24!
हम कोटों में कोई, विरले बच्चे… उस सुप्रीम, निराकार, रूहानी अर्थात् आत्माओं 🪔 के, परमपिता शिवबाबा के पास आये हैं… जो दिव्य, अलौकिक रीति 👌🏻 रथ में प्रवेश कर; टीचर बन हमें युक्ति, ज्ञान की चाबी दे…
… उस नये, गोल्डन एजेड़, स्वर्गिक… विश्व की बादशाही, राज्य के वर्से के मालिक… लॉर्ड कृष्णा, नारायण बनाते (कुबेर के खज़ानों 🪙 से सम्पन्न!)…
… तो कितनी खुशी होनी चाहिए… उस साथ खाने, पीने, खेलने वाले खुदा दोस्त, ज्ञान सूर्य ☀ को मामेकम् याद करना चाहिए… दिन-रात अन्दर बाबा-बाबा चलता रहे!
हम आत्म-सितारे… ऊपर परमधाम 🌅, ब्रह्म, निराकारी झाड़ से… यहां आयी है पार्ट बजाने इस अनादि ड्रामा 🎭 में; अब फिर शरीर छोड़ जाना है!
एडाप्टेड़ ब्राह्मण बनने से ही फिर पूज्य, पवित्र देवता बनते… बाबा हमें बड़े अच्छे सर्विसएबुल, नम्बरवन ऑनेस्ट, अपने को ही देख फास्ट आगे बढ़ता फूल 🌸 देखना चाहते; सम्पूर्ण 💯, ताकतवर, नशे में… तो बाबा रोज़ हमें नई-नई, वन्डरफुल बातें सुनाते!
बच्चा बनना अर्थात् सहज, अविनाशी अधिकार प्राप्त करना (निश्चित!)… तो “वाह मैं श्रेष्ठ अधिकारी ✊🏻 आत्मा”; इस बेहद खुशी, नशे से निश्चिंत रहते… (बाबा को सर्व जिम्मेवारियों का बोझ दे, चिंता-मुक्त!)
हम उदार, विशालदिल वाले एकता की नींव है… मान की इच्छा सेवा में विघ्न-रूप बनाती; तो क्यों नहीं स्वमान 👑 में ही टीके, जिससे मान परछाई समान पीछे-पीछे आये
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