Murli Yog 30.9.24

Murli Yog 30.9.24

ऊंची, परम गोद की पावन पालना के नशे, मस्ती में बैटरी चार्ज की उन्नति कर लक्की, चैतन्य, दिव्य ✨, प्यारा ❤️, पूज्य फरिश्ता 🧖 बनना; सबको भगवान् 🛐 से मिलाने की गुण 🌈, विशेषता धारण कर; सेवा में हड्डियां स्वाहा करके… Murli Yog 30.9.24!

वह ऊंच ते ऊंच रूहानी बाप, निराकार पतित-पावन, परमपिता परमात्मा परमधाम-निवासी शिवबाबा… ज्ञान सागर 🌊 होने कारण हमें राजयोग का ज्ञान, मन्त्र भी देते; सुधार, पालना के लिए पढ़ाई, शिक्षा भी देते… स्व-चिन्तन में मस्त रह उन्नति में टाइम सफल करो; अपनी घोट तो नशा चढ़े!

तो जबकि हम बाबा की गोद में है; अभी याद की हाइएस्ट युक्ति, मूल बात, नम्बरवन सब्जेक्ट द्वारा… सतोप्रधान बन, बैटरी चार्ज कर पूज्य ✋🏻, चैतन्य देवता बनना है… ऊंच, नम्बरवन, प्यारा श्रीकृष्ण सो लक्ष्मी-नारायण 🫅🏻👸🏻 बनना… नई दुनिया 🌏, स्वर्ग के वर्से में!

तो बाबा इस पुरूषोत्तम संगम पर भाग्यशाली रथ द्वारा श्रीमत देते… हम कोटों में कोई विरल आत्माओं; अच्छा पढ़ने वाले लक्की, मीठे बच्चों को!

आत्मा का ही कनेक्शन शिवबाबा के साथ है (हम उनके बच्चे है!)… हम आत्मा ही उस मूलवतन, निराकारी सृष्टि के स्टॉक से यहां आये, शरीर धारण कर जीव-आत्मा बन पार्ट बजाती… अब वहां वापस जाना हैं (शरीर तो जल जायेगा!)

पहले सूक्ष्मवतन-वासी फरिश्ता बनेंगे… (हड्डी-मास बिना; क्योंकि हड्डियां 🦴 तो दधीची ऋषि मिसल यज्ञ-सेवा में स्वाहा कर दी!)… फरिश्ता जीवन कर्मातीत होने कारण शुद्ध वा पीछले कर्मों के बन्धन से भी न्यारे है; इसीलिए हमारी विशेषता में ‘इच्छा मात्रम अविद्या’ का गायन है!

हम रूहानी सोशल वर्कर सबको भगवान् 🛐 से मिलने का ठिकाना दिलाते… सब अच्छे गुण 🌈, विशेषता, सेवा दाता की देन है; इस स्मृति 💭 से लगाव-मुक्त, आकर्षण-मुक्त 🧲, प्रभाव-मुक्त रहते!


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