Murli Yog 4.10.24

Murli Yog 4.10.24

सुप्रीम, गोल्डन शान्ति की अनुभूति द्वारा मीठे, प्यारे, दिव्य साथ से बल अर्थात् आशीर्वाद प्राप्त करने के तकदीर-वान बन; सहज कल्याण करने में राइट हैण्ड बनना… Murli Yog 4.10.24… आज शिव शक्ति बन शिव से शक्ति लेते रहे!

ओम् शान्ति अर्थात् हम रूहानी बच्चों को अपने विचित्र, विदेही, निराकारी आत्म-स्वधर्म में टिकना है… जिससे स्वतः उस ऊंच ते ऊंच सुप्रीम, पतित-पावन सत्-बाप के बेहद सम्बन्ध की प्यार-भरी याद आती… जिससे प्योर, सतोप्रधान, गोल्डन एजेड़ बनते!

वह पुरूषोत्तम संगम पर ही आकर; मुक्तिधाम ले जाते… फिर उस नये, पवित्र अमरलोक में बेहद सुख के वर्से की बादशाही के मालिक बनाते (जहां 5 तत्व भी पावन!)… ऐसी बलवान राजाई मिलना ही जैसे सर्वशक्तिवान की आशीर्वाद है…

… यही ऊंच पद 🏆 भी है; इस ज्ञान-अमृत के सागर 🌊 की ऊंच, रूहानी, नई पढ़ाई में पास होना… अथवा सचखण्ड स्थापन करने वाले सतगुरू की लीगल मत पर कैरेक्टर्स सुधरकर; अच्छे, मीठे सर्विसएबुल फूल 🌸 बनना (जैसे दिव्यगुण-सम्पन्न श्री लक्ष्मी-नारायण!)

… ऐसे राजा बनने; आप समान 🧖 बनाने के मददगार भी बनना है; ट्रान्सफर करना… हम तकदीर-वान को ही ऐसे निश्चय बैठता; तो अब अपने पर रहम कर; स्कूल के अच्छे, होशियार 🧠 राइट हैण्ड स्टूडेन्ट बनना है!

हम त्रिकालदर्शी हर बात में कल्याण समझते… (क्योंकि सिर्फ एक काल से नहीं देखते!)

अपने पवित्रता ✨ के स्वधर्म पर निश्चय हो गया… बाबा को यथार्थ पहचान उस सर्वशक्तिवान को साथ रखते… ऐसे मास्टर सर्वशक्तिवान लिए सब सहज है (संकल्प 💭 में भी कोई हिला नहीं सकता!) (AV 4.12.95)

मरजीवा अर्थात् पुराने संस्कार भी किसी और के लगे; तो छूना नहीं!(AV 18.6.69)


Thanks for reading this article on Murli Yog 4.10.24 ”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *