हमारा अविनाशी प्यार | Our imperishable love with the Supreme! | Avyakt Murli Churnings 18-01-2019
हमारा अविनाशी प्यार!
आज स्नेह के सागर अपने स्नेही, लवलीन, लवली बच्चों से मिलने आए… बाबा भी कहते मेरे बच्चे, लाडले बच्चे, मेरे सिरताज बच्चे, स्नेह के बाहों की माला पहना रहे… बच्चे भी कहते मेरे बाबा, और स्नेह के मोती की माला बाबा को पहनाते!
स्मृति दिवस की स्मृतियाँ!
बाबा ने ऎसी श्रेष्ठ स्मृतियाँ दिलाई है, जिससे second में समर्थी का नशा चढ़ जाता:
- हम वही कल्प पहले वाले भाग्यशाली बच्चे है
- मेरा बाबा है गोल्डेन शब्द… जिससे याद सहज और स्वतः रहने से, सर्व प्राप्ति सम्पन्न सर्व खज़ानों के मालिक बन जाते
- हम परमात्म पालना में पल रहे हैं… जो एक ही बार एक जन्म में ही मिलती!
और पॉइन्ट्स
1. यह वर्ष है न्यारा और सबका प्यारा बनने का, मेहनत और समस्याओं से मुक्त होने का वर्ष, तब ही मास्टर मुक्तिदाता बन औरों को मुक्त कर सकेंगे!
2. अब प्रतिज्ञा की लिस्ट को लंबी करने के बजाए फ़ाइनल करनी है… चाहे सहन करना सुनना झुकना पड़े, लेकिन हमें बदलना है जरूर… इसलिए ऎसा वैसा कि बहानेबाज़ी और औरों को देखने से परे हो, स्वयं कारण को निवारण, समस्या को समाधान में परिवर्तन करना है… यही बाबा की हमसे आश वा उम्मीदें हैं!
3. बाबा की पालना का रिटर्न है स्वयं को टर्न (अर्थात परिवर्तन) करना!
4. मन्सा वाचा कर्मणा तीनों सेवाएं साथ-साथ करनी है, स्नेेह और सहयोग देना है… तो सभी सिर्फ अच्छा-अच्छा कहने के बजाए अच्छा बनने की प्रेरणा भी लेंगे… और हम साथ में नई वर्ल्ड create करेंगे!
5. महाराष्ट्र है महान आत्माओं का राष्ट्र, महान कार्य करने वालेेे महारथीयों का… विदेशी है मधुबन के श्रृंगार
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के प्यार में लवलीन रह, श्रेष्ठ स्मृतियों का सिमरण करते रहे... जिससे सहज ही मेहनत-मुक्त समाधान स्वरूप बन जाएँगे, और मास्टर मुक्तिदाता बन सबको मुक्ति दिलाने के निमित्त भी बनेंगे … ओम् शान्ति!