Our true beauty! | Sakar Murli Churnings 18-10-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस स्कुल-क्लास में स्वयं भगवान् हमें पढ़ाते-मत देते, तो बहुत खुशी में रहना है… चलते-फिरते (बाकी सबकुछ भूल) हम अपने बाप की याद द्वारा पवित्रता का वर्सा पाते (नई दुनिया-स्वर्ग-हेवन-अमरलोक में, पूज्य-देवता के रूप में)… तो हमें कोई विकार-भूत परेशान नहीं कर सकता (ऐसे शुद्ध नशे में रहना है)… तो चलन-कैरेक्टर भी रॉयल बन जाएंगी
2. सेवा का शौक रखना है, यही हमारी शोभा है, तब ही दिल पर चढ़ते… इसलिए बन्धन-मुक्त जरूर बनना है, ईश्वरीय सेवा बहुत बड़ी lottery है, इसमें उड़ते रहना है
चिन्तन
जबकि इश्वरीय सेवा ही हमारी शोभा है… तो सदा अपने को ज्ञान-योग-ईश्वरीय प्रेम द्वारा ऎसा दिव्य-दर्शनीय गुण-मूर्त बनाके रखे, जो… हमारे हर कर्म-नज़र-संकल्प-वाइब्रेशन द्वारा सब का जीवन शान्ति-प्रेम आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बने, और हम सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!
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