हमारे wonderful चित्र | Sakar Murli Churnings 22-05-2019
1. जबकि बाबा हमें फूल-हीरा कहते, और हम ही देवता बनते… तो सदा अपने एम ऑब्जेक्ट को सामने रख, चेक करते रहें, क्या हममें ऎसे गुण है? (खुशी, अतिन्द्रीय सूख, आदि), औरों को भी आप समान बनाते हैं?… यह सब सहज हो जाता याद की यात्रा से (जो बाबा हमें शान्तिधाम-सुखधाम ले जाते, एसी याद जो अंत में और कुछ याद न आए)
2. जबकि बाबा हमें इतनी ऊँची जबर्दस्त प्राप्ति कराते (और समय भी कम है), तो देह-सहित सबकुछ भूल उसकी याद में मग्न हो जाएँ… वह भी बहुत प्रेम से, तो ऊंच पद बन जाएँगा
3. अभी हम नम्बरवार पुरूषार्थी है, फिर वैकुण्ठ नई दुनिया के मालिक बनते… इसमें कोई संशय की बात नहीं, यह खेल तो बना हुआ है… हमारे ज्ञान-योग के हर कदम में पद्मों की कमाई है, धन भी सफल जरूर करना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमारे लिए इतने wonderful चित्र बनवाए हैं, तो सदा गोला-झाड-सीडी को सामने रख, इसी नशे में रहे कि बाबा संगम पर हमें कितना ऊंच ते ऊंच दिव्यगुण सम्पन्न विश्व का मालिक बनाते… इसी नशे से ज्ञान-योग का तीव्र पुरूषार्थ कर सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रह, सबको भी सम्पन्न करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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