The power of determination! | (55th) Avyakt Murli Revision 28-05-70
1. अब फैसला करना है, फिर agreement-engagement होगी (सेवा), फिर समारोह (सफलता)… साहस रखा है, तो माया का सामना होगा, इसलिए हिम्मत-उत्साह द्बारा विघ्नों को हाई-जम्प देना है (इसलिए स्वयं-सम्बन्ध में हल्का रहना है)
2. काली बनना अर्थात किसी से प्रभावित नहीं, औरों को बाबा पर बलि चढ़ाने वाले, सब के विघ्न हल करने वाली… ऎसी मायाजीत-एकरस स्थिति बनाने लिए विनाश-स्थापना के नगाड़े याद रखने है
3. स्नेही-सहयोगी बनने से शक्तिशाली बनना है… कहां स्नेही, कहा शक्तिशाली बनना, इस परख द्बारा व्यर्थ से बचे रहना है… हम हारने वाले नहीं, लेकिन बाबा की गले का हार है, कोई पर संकल्प से भी अर्पण नहीं… तिलक अर्थात शिक्षाओं को स्मृति में रखना, धारण करना… सफलता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, जो संकल्प-मस्तक-नयन-चेहरे से दिखता… हम उम्मीदवार, कमाल करने वाले शोपीस है
4. प्रतिज्ञा के बीज को हिम्मत-संग का जल देने से फलीभूत होगा… खुद पर आलमाइटी गवर्नमेंट की सील लगानी है, सिर्फ वाया परमधाम-वैकुण्ठ जाएँगे
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम बाबा के बन गए हैं (agreement), तो सदा अपने श्रेष्ठ टाइटल्स को स्मृति में रख, हिम्मत-उत्साह द्बारा शक्तिशाली मायाजीत स्थिति का अनुभव करते… सबके विघ्नों को हरते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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