The proof of purity! | Sakar Murli Churnings 05-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. सिर्फ ओम् शान्ति से भी स्वधर्म-घर-वर्सा-बाप (अर्थात् सारा ज्ञान) याद आ जाता.. स्वयं पतित-पावन भगवान् हमें नॉलेजफुल-पवित्र-दिव्य-शान्त स्वरुप बनाते (श्रेष्ठ कैरेक्टर, इस संगम की ऊँच ते ऊँच पढ़ाई से)… जिससे ही नई-पावन दुनिया स्वर्ग-राम राज्य (सद्गति-दिन) में मालिक बनते… बहुत मीठे-सुन्दर-ऊँच लक्ष्मी-नारायण के रूप में
2. तो बहुत-बहुत खुशी में रहना है (कहीं ममत्व न रहे, इस डर्टी-दुनिया को तो आग लगनी है), सच्चा पारस-बुद्धि हंस बनना है… पवित्रता का सबूत अवश्य देना है (जो हमारे लिए बहुत सहज है योगबल से, और 21 जन्म की जबरदस्त लॉटरी से)
चिन्तन
जबकि हम आन्तरिक पवित्रता से सम्पन्न आत्माएं है… तो सदा अपने:
- श्रेष्ठ संकल्प
- दिव्य वाइब्रेशन
- हर्षित चेहरे
- मीठे बोल
- सुखदाई स्वभाव
- रॉयल व्यवहार
- श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद की स्थिति
- शुभ-भावना सम्पन्न वृत्ति
- विशेषताएं देखती दृष्टि
- अलौकिक स्मृतियां
- शक्तिशाली धारणाओं
द्बारा हर कदम अपनी पवित्रता (वा पढ़ाने वाले बाप) का स्वतः सबूत दिखाते… सबको आप-समान श्रेष्ठ बनने की प्रेरणा दिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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