The rain of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 22-08-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. स्वयं भगवान्-बेहद के बाप ने हमें तुच्छ बुद्धि-विकारी-दुःखी से ब्राह्मण-चोटी बनाया है… अब जितना ज्ञान वर्षा-पढ़ाई को धारण कर, अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर, मर्यादाओं पर चलेंगे, उतना श्रेष्ठ पद बनेगा (माला का मणका, लक्ष्मी-नारायण समान देवता-पारस बुद्धि बनेंगे), नई दुनिया-स्वर्ग-सचखण्ड-सुखधाम में… बाकी थोड़े रोज है, सब बातों में कल्याण है
2. स्वदर्शन चक्रधारी बनने से अनेक व्यर्थ चक्र (देह-भान व्यक्ति-समस्या) से छूट, मायाजीत बन, ज्ञान-योग के पंख द्बारा उड़ती कला में आते… विदेही स्थिति से समस्याओं से सहज पार रहते
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हम पर रोज़ बाबा की ज्ञान-वर्षा हो रही, तो उन्हें सम्पूर्ण रीति अपने मे ग्रहण कर (चिन्तन वा उस पर योगाभ्यास द्बारा)… सदा रूहानी मोर ? बन अतिन्द्रीय सुख-आनंद में नाचते, सब को ज्ञान-दान कर आप-समान श्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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