Realizing our immense fortune! | Sakar Murli Churnings 11-10-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस संगम पर स्वयं बेहद का बाप हमें पढ़ाते, हम सारे विश्व को पलटाकर, नये विश्व (स्वर्ग-अमरलोक-कृष्णपूरी) का मालिक बनते… इस स्मृति से बहुत खुशी-नशा-शक्ति रहती, बुद्धि refine बन, पवित्र चलन बनती… सबकी सेवा करते रहते
2. अपने को आत्मा समझना है, परमात्मा का बच्चा… परम-मुक्ति-शान्तिधाम निवासी, जो यहां आकर पार्ट बजाती… पहले-पहले पारसबुद्धि सर्वगुण सम्पन्न देवता लक्ष्मी नारायण थे, बहुत सुखी… फिर रावण-भक्ति का पार्ट चला, अब फिर पावन बनना है, पतित-पावन बाबा की याद द्बारा
चिन्तन
जबकि बाबा रोज हम पर अविनाशी ज्ञान रत्नों की वर्षा करते… तो उसमें से कोई एक भी पॉइंट को उठाकर, सारा दिन उसी पर ज्ञान-चिन्तन योग-अभ्यास करते उसका स्वरूप बन जाए… तो हमारी स्थिति भी श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहती, और हम तेज़ उन्नति 📈 करते-कराते, सतयुग बनाते रहते… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings
Thanks for reading this article on ‘Realizing our immense fortune! | Sakar Murli Churnings 11-10-2019’