Remaining constantly connected! | Sakar Murli Churnings 19-07-2019

Remaining constantly connected! | Sakar Murli Churnings 19-07-2019

बुद्धि न भटके इसलिए देही-अभिमानी बनना है, जबकि संगम पर स्वयं भगवान् हमें पढ़ाते… याद में जरा भी बुद्धि की तार न हिले (व्यर्थ-मुक्त, लोभ-मुक्त), तो बहुत-बहुत कमाई हैं, पावन-सतोप्रधान बनते जाते, नई दुनिया वैकुण्ठ में ऊंच पद बनता… औरों को भी पैगाम देते रहना है, बाबा का परिचय दे बाबा से जुड़ाते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें सारी समझ विस्तार-सार रूप में दे दी है, हम समझ गए हैं याद से ही सारी कमाई है… तो सदा व्यर्थ-मुक्त बन शक्तिशाली रूप से बाबा से जुड़े रह, उनकी सारी गुण-शक्तियां को अनुभव कर, स्वयं में समाते… सबसे बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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