Remembering the incorporeal Diamond alone! | Sakar Murli Churnings 13-03-2020

Remembering the incorporeal Diamond alone! | Sakar Murli Churnings 13-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि भगवान् बागवान-खिवैया बन हमे सतयुगी सुख-हेल्थ-वेल्थ में ले जा रहे… तो सदा अपने को निराकार-बिन्दी समझ सच्चे-निराकार-बिन्दी-हीरा परमात्मा को याद कर सम्पूर्ण-पावन बन जाए (देह-दुनिया के ममत्व से परे)… मैसैंजर-पैगम्बर बन सबको रास्ता बताते रहे (समय भी बहुत कम है)


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