Remembering our illustrious past & present | हमारा श्रेष्ठ आदि-काल | Sakar Murli Churnings 25-02-2019
1. हमारे सुप्रीम बाप टीचर सतगुरु बाबा नें बताया है, कैसे हम अपने सूर्यवंशी राजधानी रामराज्य में सुख-शान्ति से सम्पन्न थे, अब फिर बनना है
2. इसके लिए सिर्फ़ श्रीमत अनुसार आत्म-अभीमानी बनने का पुरूषार्थ करना है, जिससे:
- सहज बाबा की याद रहेंगी (और पाप कटेंगे)
- दिव्यगुण धारण होंगे (बहुत मीठे सुखदाई बनेंगे और क्रिमिनल eye, क्रोध, दुःख देना आदि सब छूट जाएंगा)
3. सब को खुशखबरी / रास्ता बताने का श्रेष्ठ कर्म जरूर करना है, कैसे हम सतोप्रधान सुखी थे, अब फिर बाबा हमें ऎसा बनाने आएं हैं
सार
तो चलिए आज सारा दिन… अपने श्रेष्ठ आदिकाल और भविष्य को स्मृति में रख बहुत-बहुत खुशी में रहे… बाबा की छत्रछाया और गोदी में रहे, जिससे पुरूषार्थ-सेवा सब सहज हो जाएंगा, और हम बहुत ही जल्द सतयुग को लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!