Remembering the Bodyless! | Sakar Murli Churnings 12-08-2019
सार
1. पढ़ते हुए भल साकार शरीर देखते, बुद्धि निराकार-शिवबाबा में लगी रहे (जो बाप-टीचर-सतगुरु-लिबरेटर-गाइड है… सुख-शान्ति का सागर, जिसकी याद से विकर्म विनाश होते, मायाजीत बनते)
2. बाबा ने हमें सारे चक्र का सत्य ज्ञान दे श्रृंगारा है, तो इस शृंगार को सदा कायम रखना है, यही साथ जाएंगा… फिर हम सचखण्ड-सुखधाम-सतयुग पहुँच जाएँगे 21 जन्मों के लिए, सर्व दिव्यगुण-सम्पन्न देवता बन… ड्रामा accurate है
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… सदा विदेही बाप की प्यार भरी याद-संग में रहने लिए, हम भी बार-बार बीच में एक-एक मिनट अशरीरी बनने का अभ्यास करते रहे (और कर्म करते भी करावनहार समझे)… तो हम बहुत सहज बाबा से combined रह, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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