Remembering the Purifier! | Sakar Murli Churnings 25-12-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम रूहानी ब्राह्मण-बच्चें अविनाशी-आत्माएं… अपने रूहानी-बाप निराकार पतित-पावन शिवबाबा की… याद-राजयोग (जो उस बीजरूप-ज्ञान सागर ने ही सिखाया है) द्वारा… पावन-फूल बन… पावन-दुनिया स्वर्ग-सचखण्ड गार्डन ऑफ फ्लावर्स, सोने की चिड़िया के मालिक बनते (पुण्य-आत्मा देवता-रूप में, सम्पूर्ण सुखी-धनवान)… वाया शान्तिधाम-मुलवतन-घर (हम सारे झाड़-चक्र, सुख-दुःख काला-गोरा बनने के खेल को जानते)
2. हम टूथ-बाबा द्वारा सचखण्ङ के मालिक, सच्चे-देवता बन रहे… इस स्मृति से स्वतः अशुद्धता समाप्त हो जाती
चिन्तन
जबकि यह समय है ही पतित-पावन द्वारा पावन-दैवी बनने का… तो सदा उसके शुद्ध-ज्ञान को ही सुनते-चिन्तन करते, उस एवर-प्योर की ही प्यार-भरी पावन यादों में रहते… सदा दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते, श्रेष्ठ-रॉयल चेहरे-चलन द्वारा सबको आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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