Sakar Murli Churnings 02-01-2019
भगवान हमारा बाप है… तो उनसे डरना नहीं है, लेकिन सदा साथ रहकार सर्व प्राप्ति स्वरूप बनना है!
पुरुषोत्तम युग में पुरुषोत्तम बनने का पूरा-पूरा पुरुषार्थ करना है… बाबा से अविनाशी ज्ञान रत्नों का व्यापार कर, 21 जन्मों के लिए मालामाल बनना और बनाना है!
एक सत बाप के संग में रहना है, जिससे न सिर्फ वर्तमान लेकिन भविष्य भी सुख-शान्ति सम्पन्न बन जाता है… जबकि बाप गुप्त वेश में हमें पढ़ाकर अपने से भी ऊंचा बनाते हैं!
पुराने संस्कारों वा हिसाब-किताब का बोज़ा सिर पर है, इसलिए योग अग्नि से उनको चूकतु करते रहना है… साथ में भविष्य (और वर्तमान!) प्रालब्ध बनाने पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना है, मुरली एक दिन भी miss नहीं करनी है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के सदा साथ रहे, अर्थात उनसे ज्ञान रत्नों का व्यापार कर अपना और सर्व का कल्याण करे, और योग में रहकार पुुराने-पन के भार से हल्का बने… इस ज्ञान योग के अभ्यास से हमारे दैवी संस्कार emerge हो जाएंगे, और हम फिर सेेेे इस विश्व को स्वर्ग बनाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!