Sakar Murli Churnings 09-03-2019
1. सदा याद रखना है, यह पुरुषोत्तम संगमयुग है, हम पुरुषोत्तम बन रहे हैं, बाबा आए हमें 5 विकारों रूपी पिंजड़े से छुड़ाने…
2. तो ऎसे (क्या से क्या बनाने वाले, बेहद का वर्सा देने वाले) बाबा को बहुत प्यार से याद करना है (महिमा करनी है)…
3. तो पावन गोरे बन सुख-शान्ति सम्पन्न स्वर्ग में पहुंच जाएंगे (जहां सदा बसन्त ऋतु, सुखी, निरोगी, अहिंसा परमोधर्म होते हैं)…
4. जल्दी उठ एकान्त में बैठ छत पर भी जाकर बाबा को याद कर सकते… चेक करना है हमारा मन कहां जाता है, यह सब तो विनाशी है, सिर्फ मैंं और बाबा इसी स्मृति में रह विश्व का मालिक बनना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… अभी संगमयुग चल रहा है, इसी स्मृति में रह बाबा को याद करते सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित रह पुरुषोत्तम बनते रहे… और अपने श्रेष्ठ उदाहरण से औरों को भी बनाते रहे, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!