The single wonder of the world! | Sakar Murli Churnings 22-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस संगम पर, हम श्रीमत पर अपने को आत्मा समझ निराकार पतित-पावन शिवबाबा की सहज याद-योग में ज्ञान-सहित बैठते… अर्थात् हम जानते इससे पाप-कट पावन-सतोप्रधान (श्रृंगारे हुए कंचन-सच्चा सोना) बन… नई-पावन दुनिया स्वर्ग के मालिक बनते, लम्बी आयु-नेेचुरल ब्यूटी वाले-धनवान पद्मापद्म भाग्यशाली श्रेष्ठाचारी देवता-रूप में … हम सारे चक्र–ड्रामा को जानते
2. तो बाबा का हाथ पक्का-एकरस पकड़ कर रखना है… याद में रहने से ही माया से बच सकते… सबकी सेवा करते रहना है
3. माया मेहनत कराती, बाबा की छत्रछाया मौज में रखती (विजयी होने का सम्पूर्ण निश्चय)… ऐसे मौज में रहना-करना ही सच्ची सेवा है
चिन्तन
जबकि हम सच्चे-सच्चे वन्दर ऑफ वर्ल्ड सतयुग में जा रहे (जहां सम्पूर्ण सुख है)… तो सदा अपने को दिव्य आत्मा समझ, ज्ञान-योग-ईश्वरीय मर्यादा-सम्पन्न दिनचर्या बनाकर… सदा दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति बनाकर हर कार्य करते, सब के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण बन आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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