शिव जयन्ती का आध्यात्मिक रहस्य | Spiritual Significance of Mahashivratri | Avyakt Murli Churnings 03-03-2019
1. भोला अर्थात सरल स्वभाव, शुभ भाव और मन-कर्म दोनों में स्वच्छता, अर्थात सच्चाई और सफाई… भोलेनाथ बाबा को हमारा यह भोलापन इतना प्यारा है, कि हम बाप-बच्चों दोनों का बर्थ-डे साथ-साथ मनाते हैं
2. एक ओर है वियोगी पुकारने आह्वान करने वाले भक्त बच्चें, और हम है बाबा के सम्मुख सहजयोगी बच्चें, जिन्होनें ‘पा लिया!’… तो भक्तों की आवाज़ सुन, जल्दी ही तैयार अर्थात दिव्यगुणों के श्रूंगारों से सम्पन्न बन जााना है, तो स्वतः सर्व की मनोकामनाएं पूर्ण करते रहेंगे
3. शिव जयन्ती का आध्यात्मिक रहस्य
- शिवलिंग के बीच बिन्दु लगाते, क्यूंकि सारे ईश्वरीय ज्ञान का सार ही है बिन्दु… बिन्दु बन, बिन्दु बाप को याद कर, ड्रामा का बिन्दु लगाना
- बूँद-बूँद है:
- एक-एक श्रेष्ठ स्मृतियाँ (मैं आत्मा हूँ, बाबा का बच्चा हूँ, आदि) से मिलन मनाना, मिलन की सिद्धि पाना
- बाबा से रुह-रिहान की एक-एक सुन्दर बातें (बाबा आप कितने मीठे हो, आप हमें क्या से क्या बनाते हो, बाबा की एक-एक महिमा, बाबा से प्राप्तियां, आदि)
- हमारा तन-मन-धन से सहयोग, जिससे सागर भर जाता अर्थात सतयुग स्थापन हो जाता है
- व्रत अर्थात व्यर्थ संकल्पों के भोजन को स्वीकार नहीं करने का दृढ़ संकल्प
- जागरण अर्थात सदा जागती ज्योत हो रहना
- शिवबाबा का झण्डा लहराना अर्थात अपने मस्तक और नयनों में सदाकाल के विजय का अविनाशी झण्डा लहराना
4. हम है बाबा के स्नेही, साथी, कदम पर कदम रखने वाले बच्चे, तो बाबा भी हमें गुणों की माला पहनाते हैं… बाबा कहते हम सभी को बहुत बहुत शान्ति, प्यार और खुशियां बांटते हैं, इसलिए फिर हम भी पूज्य बन जाते
5. लोग कहते गुड मॉर्निंग, और हमारा तो है ही गाॅड के साथ मॉर्निंग, अर्थात गॉडली मॉर्निंग (और नाइट)… बल्कि हर पल है गाॅड के साथ, अर्थात पूरा जीवन ही गॉडली है… और जहां गाॅड है, वहां सब गुड ही गुड है… तो बाबा को हर कर्म (भोजन आदि में) साथ रखना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… श्रेष्ठ स्मृतियों और बाबा से रूह-रिहान द्वारा सदा गाॅड को साथ रख, मास्टर भोलानाथ सदा जागती ज्योत बन… सर्व के मन की आवाज सुन उन्हें शान्ति, प्रेम और खुशीयां बांटते रहे, इसी श्रेष्ठ सहयोग के बूँद-बूँद द्वारा हम सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!