Strengthening the elevated memories! | शक्तिशाली स्मृति | (79th) Avyakt Murli Revision 09-12-70
1. बाबा देख रहे, हम कितना नोलॅफूल-पावरफूल बनें है, तब ही सर्विसएबुल बनेंगे… मुख्य है catching पावर, अपने आदि संस्कार-चलन को कैच कर स्वरूप में लाना… स्मृति को इतनी शक्तिशाली-श्रेष्ठ-स्पष्ट बनाना, कि कल की बात मेहसूस हो, कमजोरी समाप्त … एक आंख में निराकार (वा फ़रिश्ता) रूप, दूसरी में दिव्यगुण-धारी देवता रूप, ऎसा चलता-फिरता लाइट-हाउस माइट-हाउस बनना है
2. सदा माया को गेट-आउट (वापिस अन्दर नहीं आने देना) और गेस्ट-हाउस (यह पुरानी दुनिया है) याद रखना है… ऎसा परिवर्तित हो, जो पुरानी कमझोरी स्मृति में भी न हो
3. जबकि 21 जन्म रेस्ट मिलना है, तो अभी एक सेकण्ड भी मन्सा-वाचा-कर्मणा रेस्ट नहीं लेना, तो वेस्ट से बचे रहेंगे… ऎसे हार्ड-वर्कर रूहानी-सेवाधारी बनना है, सेवा में ऑफर कर बाबा की आफरीन लेनी है… माया का सामना कर, पुराने संस्कारों को समाना है
4. तिलक अर्थात सम्पूर्णता (प्रतिज्ञा) को याद रखना, फिर मिलेंगा राज-तिलक (प्रत्यक्षता)…अधिकार लेने के पहले सत्कार देना, यह याद रखना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… अपने निराकारी-आकारी-देवता रूप को शक्तिशाली स्मृति में रख, इस गेस्ट हाउस में माया को गेट आउट कर… लाइट हाउस बन सबकी अथक सेवा करते, सत्कार देते, बाबा की आफरीन लेते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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