Summary of all 1970 Murlis | Coming closer to perfection!
1. जबकि हम मास्टर नॉलेजफुल आत्माएं है, तो सदा अपने को सम्पूर्ण समर्पित (विवाहित) समझ, श्रीमत पर… मास्टर सर्वशक्तिमान की दृढ़ता द्वारा समेटने की शक्ति से सेकण्ड में आवाज़ से परे जाने का अभ्यास करते रहे… जिसे सहज करने अपनी श्रेष्ठ स्मृतियों का टाइम-टेबल, appointment डायरी, दिनचर्या फिक्स रखे… फिर धीरे-धीरे, चलते-फिरते बिन्दु-रूप में रहना भी सहज हो जाएंगा
2. तब कहेंगे सम्पूर्ण–अव्यक्त श्रेष्ठ स्टेज के समीप (मार्जिन समाप्त)… महारथी, माया–संस्कार–देह भान–सर्कस के खेल पर विजयी
3. जिससे स्वतः हमारी सेवा दर्पण–प्रोजेक्टर–लाइट हाउस समान होंगी, हम शक्ति-स्नेह के बैलेन्स, दिव्य-दृष्टि से सम्पन्न कामधेनु आकर्षण-मूर्त बन जाएंगे… बाबा को प्रत्यक्ष करने वाले
4. हमारा जीवन ही उत्सव–होली–दिवाली बन, हम सदा अपने सम्पूर्ण स्वरुप को देखते, विश्व मेकर–राजन् बन, समय का सदुपयोग करतें रहेंगे
सार का सार (चिन्तन)
समय के महत्व को जान… सदा अपनी श्रेष्ठ स्मृतियों का टाइम-टेबल फिक्स रख, बार-बार सेकण्ड में आवाज़ से परे जाने का अभ्यास करते, अपने सम्पूर्ण-अव्यक्त स्थिति के समीप पहुंचते रहे… तो हमारा सम्पूर्ण-जीवन उत्सव बन, हम लाइट-हाउस समान सबकी सेवा करते… विश्व महाराज् बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
Recent Avyakt Murli Revision
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- 23-11-89: वरदाता को राज़ी करने की सहज विधि | 23rd November 1989: Easy Method of satisfying the Bestower of Blessings | None but One
- 23-03-88: दिलाराम बाप के दिलतख्त-जीत दिलरूबा बच्चों की निशानियाँ | 23rd March 1988: Signs of Beloved soul seated on heart-throne of Comfortor of Hearts | and let the peace of god rule in your heart
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