Taking Baba’s drishti! | Sakar Murli Churnings 12-10-2019

Taking Baba’s drishti! | Sakar Murli Churnings 12-10-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर बाबा आकर, सबको शान्तिधाम-सुखधाम (नई दुनिया-स्वर्ग-हेवन-paradise) का वर्सा देते अर्थात निहाल करते… हमें सारे झाड-चक्र-ड्रामा का ज्ञान है, बहुत खुशी में रहना है…

2. ऊँच पद पाने ज्ञान-योग को अच्छे से उठाना है… अपने को अविनाशी आत्मा समझना है (जो शरीर द्वारा पार्ट बजाती), बाबा को याद करते रहना है (जिसकी अनेक युक्तियां है… वह बाप-टीचर-सतगुरु है, संगम के समय को याद रखना, आदि)… माया से बचने अपनी चेकिंग करते रहना है

चिन्तन

जब भी बाबा का चित्र देखे… सदा समझे शिवबाबा मुझे दृष्टि दे रहे, और बाबा की दृष्टि लेते… उनका बहुत शुद्ध-आत्मिक-शक्तिशाली प्यार-प्रकंपन मेहसूस करते, बहुत गहरी-मीठी शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न अवस्था का अनुभव कर… सबको अपनी दृष्टि-शुभ भावनाओं द्वारा बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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