The immensely fortunate student! | Sakar Murli Churnings 24-04-2019
1. इस स्कूल-पाठशाला-विद्यालय में हम आत्माओं को स्वयं परमपिता परमात्मा बेहद का बाप भगवान् राजयोग की रूहानी पढ़ाई पढ़ाते
2. हमारा यह जीवन हीरे-तुल्य देवताओं से भी उत्तम है, अभी हम ईश्वरीय सन्तान वा ईश्वरीय परिवार के है, आस्तिक है… स्वयं बाबा हमारी पालना-पढ़ाई कर गुल-गुल बनाएं साथ ले जाते
3. हमें सिर्फ बाबा को याद करना है, माया तो खींचती रहेंगी, हमें अपनी धारणाओं में पक्का रह उन्नति करते रहना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं भगवान् ने हमें अपनी ईश्वरीय विद्यालय में लिया है, तो इसी पद्मपद्म भाग्य को स्मृति में रख सदा ज्ञान-योग द्वारा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित दिव्यगुण समपन्न बन… सर्व को उमंग-उत्साह दिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!