The increasing earnings! | Sakar Murli Churnings 05-02-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
जबकि सम्पूर्ण सुख-सम्पत्ति का वर्सा-विष्णुपूरी हमारे सामने है (ऊँच ते ऊँच भगवान्-रचता इसी लिए हमें पढ़ाने आए है)… तो sensible बन इसी पावन-सतोप्रधान बनने की अविनाशी-कमाई में लग जाए, ऐसा एक बाबा को याद कर देही-अभिमानी अशरीरी-कर्मातीत बन जाए (देह-भूत में बुद्धि न भटके)… सेवा-आप समान बनाने का शौक हो (प्रदर्शनी, आदि में) … तब ही ऊँच पद बनेगा
चिन्तन
जबकि संस्कार-कर्म ही आत्मा के साथ जाते (और इन्हें दिव्य-श्रेष्ठ बनाना बाबा ने हमें सिखा दिया है)… तो सदा इस सर्वोत्तम ज्ञान-योग सम्पन्न ईश्वरीय-दिनचर्या में अपने को set कर, अपनी सूक्ष्म-चेकिंग द्वारा छोटे-व्यर्थ विघ्नों से परे रह… अपनी श्रेष्ठ दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद सम्पन्न स्थिति-चेहरे-चलन द्वारा सबका कल्याण कर आप-समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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